President of India List in Hindi: भारत के राष्ट्रपतियों की सूची के साथ भारत के राष्ट्रपति तथा उनके कार्य एवं शक्तियों से सम्बंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में अक्सर शामिल किया जाता है।
भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था में राष्ट्रपति से सम्बंधित बहुविकल्पीय प्रश्न या वर्णात्मक प्रकार के प्रश्नों को हल करने के लिए आजादी के बाद से अब तक के सभी भारत के राष्ट्रपतियों की सूची एवं उनसे संबन्धित महत्वपूर्ण तथ्य व कार्यों को जानना आवश्यक है। अतः इस लेख में भारत के राष्ट्रपति से संबन्धित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को दिए गए हैं।
The President of India List in Hindi – भारत के राष्ट्रपतियों की सूची 1950 – 2022
26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र देश बना और डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। 1950 से अब तक कुल 15 व्यक्तियों को भारत के राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई 2022 को भारत के पंद्रहवें राष्ट्रपति के रूप में सपथ ग्रहण की जो भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी। ये आदिवासी समुदाय की पहली महिला है जिन्होंने इस पद को सुशोभित किया है।
नीचे दिए गए बॉक्स में अब तक के सभी राष्ट्रपतियों एवं कार्यवाहक (अस्थाई) राष्ट्रपतियों की सूची एवं उनके कार्यकाल दिए गए हैं।
क्र. सं. | राष्ट्रपतियों के नाम | कार्यकाल |
1. | डॉ राजेन्द्र प्रसाद | 26 जनवरी 1950 – 13 मई 1962 |
2. | डॉ सर पल्ली राधाकृष्णन | 13 मई 1962 – 13 मई 1967 |
3. | डॉ जाकिर हुसैन | 13 मई 1967 – 3 मई 1969 |
4. | श्री वी. वी. गिरी (कार्यवाहक राष्ट्रपति) | 03 मई 1969 – 20 जुलाई 1969 |
5. | एम हिदायतुल्ला (कार्यवाहक राष्ट्रपति) | 20 जुलाई 1969 – 24 अगस्त 1969 |
6. | श्री वी. वी. गिरी | 24 अगस्त 1969 – 24 मई 1974 |
7. | डॉ फखरुद्दीन अली अहमद | 24 अगस्त 1974 – 11 फरवरी 1977 |
8. | बी डी जती ( कार्यवाहक राष्ट्रपति) | 11 फरवरी 1977 – 25 जुलाई 1977 |
9. | श्री नीलम संजीव रेड्डी | 25 जुलाई 1977 – 25 जुलाई 1982 |
10. | जैनी जेल सिंह | 25 जुलाई 1982 – 25 जुलाई 1987 |
11. | श्री रामास्वामी वेंकटरमण | 25 जुलाई 1987 – 25 जुलाई 1992 |
12. | डॉ शंकर दयाल शर्मा | 25 जुलाई 1992 – 25 जुलाई 1997 |
13. | श्री केआर नारायणन | 25 जुलाई 1997 – 25 जुलाई 2002 |
14. | डॉ एपीजे अब्दुल कलाम | 25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007 |
15. | श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल | 25 जुलाई 2007 – 25 जुलाई 2012 |
16. | श्री प्रणब मुखर्जी | 25 जुलाई 2012 – 25 जुलाई 2017 |
17. | श्री रामनाथ कोविंद | 25 जुलाई 2017 – 25 जुलाई 2022 |
18 | श्रीमती द्रौपदी मुर्मू | 25 जुलाई 2022 – वर्तमान |
भारत के राष्ट्रपति से संबन्धित महत्वपूर्ण तथ्य
- श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल भारत के प्रथम महिला राष्ट्रपति थीं।
- भारत के राष्ट्रपति अपना शपथ उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष ग्रहण करता है।
- नीलम संजीव रेड्डी 1977 ई. में राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुने गए थे।
- वीवी गिरी 1969 में प्रथम कार्यवाहक राष्ट्रपति के रुप में कार्य किया।
- डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति पद पर लगातार दो बार रहे तथा यह संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे।
- डॉ जाकिर हुसैन तथा फखरुद्दीन अली अहमद दो ऐसे राष्ट्रपति थे जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई।
- राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते हैं।
- अगर उपराष्ट्रपति भी अनुपस्थिति है तो राष्ट्रपति के कार्य उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संभालते हैं।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने कार्यकारी राष्ट्रपति के पद पर एक बार निर्वहन किया था।
भारत के राष्ट्रपति की नियुक्ति, कार्य एवं शक्तियां – Role of the President of India in Hindi
भारत में राष्ट्रपति पद की अवधारणा भरतीय संविधान में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (USA) से लिया गया है। यह संवैधानिक पद उन सभी देशों में होता है जो लोकतंत्र देश (democratic country) हैं लेकिन सभी देशों में संवैधानिक असामनता होने के कारण राष्ट्रपति की भूमिका एवं कार्य अलग अलग निर्धारित हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 में वर्णन किया गया है कि भारत का एक राष्ट्रध्यक्ष अथवा राष्ट्रपति होगा। जो देश का प्रथम नागरिक होने के साथ-साथ संवैधानिक प्रमुख होगा। राष्ट्रपति पद देश का सर्वोच्च एवं सम्मानित संवैधानिक पद है जिस पर आसीन होने के लिए संविधान में लिखित शर्तों को पालन करने वाले कोई भी भारतीय हो सकते हैं।
भारत के राष्ट्रपति होने के योग्यता व शर्तें
संविधान के अनुच्छेद 58 में राष्ट्रपति पद की योग्यता का वर्णन किया गया है इसके अनुसार राष्ट्रपति होने के योग्य तब होगा जब कोई व्यक्ति –
- भारत का नागरिक हो।
- राष्ट्रपति के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष होना चाहिए।
- चुनाव के अवधि में वह केन्द्र या राज्य सरकार में किसी लाभ के पद पर नहीं हो।
- वह लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता पूरा करता हो।
नोट:
- एक ही व्यक्ति एक से अधिक बार राष्ट्रपति चुना जा सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति किसी राजनेता जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या केन्द्र या राज्य की मंत्रिपरिषद का सदस्य हो तो वह लाभ का पद नहीं कहलाएगा।
संविधान में वर्णित अनुच्छेद 55 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए निर्वाचक मंडल के 50 सदस्य उसके प्रस्तावक होना चाहिए तथा 50 सदस्य अनुमोदक होना चाहिए।
राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक मंडल में शामिल हो सकते हैं –
- राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य।
- लोक सभा के निर्वाचित सदस्य।
- सभी राज्यों के विधान सभा के निर्वाचित सदस्य। (निलंबित विधानसभा के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में भाग ले सकते हैं)
- केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधान सभा के निर्वाचित सदस्य (77वां संविधान संशोधन 1992 द्वारा शामिल)।
नोट: राष्ट्रपति चुनाव से संबन्धित किसी भी तरह विवाद केवल उच्चतम न्यायालय द्वारा निपटाए जा सकता है।
राष्ट्रपति के कार्यकाल एवं पद त्याग
राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है जिसकी अवधि की शुरुआत उनके ऑफिस में प्रवेश करने के दिन से होता है। लेकिन राष्ट्रपति चाहे तो कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व भी अपनी स्वेक्षा से त्याग पत्र दे सकता है, इसके लिए राष्ट्रपति को लिखित त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देना होगा। उपराष्ट्रपति के अनुपस्थिति में त्याग पत्र सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिया जा सकता है।
राष्ट्रपति द्वारा अपने कार्यकाल में अगर संविधान के उल्लंघन होता है तो उसे संविधान में वर्णित अनुच्छेद 61 के तहत महाभियोग द्वारा राष्ट्रपति पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाए जा सकते हैं, परन्तु जिस सदन द्वारा महाभियोग लगाए गए हों उस सदन के एक चौथाई सदस्यों का हस्ताक्षर के साथ 14 दिन पूर्व राष्ट्रपति को लिखित सूचना देना ज़रूरी है।
भारत के राष्ट्रपति का वेतन एवं भत्ते
भारत के सर्वोच्च पद होने के कारण राष्ट्रपति का वेतन अन्य किसी भी राजनैतिक पद से अधिक होने के साथ साथ कर मुक्त (टैक्स फ्री) होता है। वेतन के अलावा राष्ट्रपति को अन्य भत्ते एवं सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। वर्ष 2018 में संसद द्वारा वेतन वृद्धि के बाद वर्तमान में राष्ट्रपति को 50,0000 (पांच लाख रुपए) प्रति माह वेतन के रुप में प्राप्त होता है।
- राष्ट्रपति का वेतन भत्ता एवं अन्य व्यय का भार भारत के संचित निधि पर है।
- राष्ट्रीय आपात के दौरान राष्ट्रपति के वेतन तथा भत्ते में किसी प्रकार की कमी नहीं की जा सकती।
- पेंशन के रूप में तीस लाख रुपए प्रति वर्ष प्राप्त होता है।
भारत के राष्ट्रपति के प्रमुख कार्य एवं शक्तियां – Important Role and Powers of President of India in Hindi
संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होने के बाद भी भारतीय संविधान अनुसर राष्ट्रपति के कार्य सीमित है। भारत में संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है अतः राष्ट्रपति नाममात्र की कार्यपालिका प्रधान है जब कि प्रधानमंत्री तथा उसका मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यपालिका है। लेकिन संविधान में राष्ट्रपति के कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य, शक्ति एवं जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया है जो निम्नलिखित हैं –
भारत के राष्ट्रपति का 6 प्रमुख कार्य Most 6 duties of the President in Hindi
- संविधान का सरंक्षण करना।
- प्रधानमंत्री एवं उनके सलाह पर अन्य मंत्रियों तथा अधिकारियों की नियुक्ति करना।
- आपातकाल का घोषणा करना।
- कानून बनने के लिए संसद द्वारा पास बिल पर हस्ताक्षर।
- संसद के भंग रहने या सेशन में नहीं रहने पर कोई जरुरी विषय पर अध्यादेश जारी करना।
- लोकसभा के प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों का बैठक आहूत करना एवं संबोधित करना।
भारत के राष्ट्रपति का प्रमुख शक्तियां Important rights and powers of the president in Hindi
कार्यपालिका शक्तियां:
- भारत के राष्ट्रपति प्रशासन का वास्तविक प्रधान नहीं होता है फिर भी शासन के सभी नारे राष्ट्रपति के नाम से होते हैं एवं संघ के सभी कार्यपालिका अधिकारी उनके अधीन रहते हैं तथा राष्ट्रपति को संघ के मामलों के बारे में सूचित करते है।
- राष्ट्रपति को कुछ महत्त्वपूर्ण पदों जैसे प्रधानमंत्री, केन्द्र में अन्य मंत्री, भारत के अटॉर्नी जनरल, सीएजी, मुख्य न्यायाधीश, मुख्य चुनाव आयुक्त, राज्यपाल आदि पर नियुक्ति करने का अधिकार है।
विधाई शक्तियां:
- राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है इस लिए संसद द्वारा पारित कोई भी विधायक तभी कानून बनता है जब उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाते हैं।
- राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को आहूत करने, सत्रवासन करने और लोकसभा का विघटन करने की शक्ति रखता है।
- राष्ट्रपति के पास दोनों सदनों के बीच विरोध की स्थिति में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने की शक्ति है।
- भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को लोक सभा में 2 आंग्ल भारतीयों तथा राज्य सभा में विभिन्न क्षेत्रों से 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार प्रदान किया गया है।
- संसद सत्र में न होने की परिस्थिति में जरुरी विषय जिस पर कानून बनना अतिआवश्यक हो तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी कर सकता है।
- वीटो पॉवर राष्ट्रपति द्वारा प्रयोग किए जानें वाले एक महत्वपूर्ण शक्ति है जेसे राष्ट्रपति अपने विवेक के अनुसर प्रयोग करता है। इसका प्रयोग सामान्यतः राष्ट्रपति द्वारा किसी बिल को रोकने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए राष्ट्रपति को तीन प्रकार के वीटो शक्तियां हैं –
- पूर्ण या अत्यांतिक वीटो (Absolute Veto)
- निलंबकारी वीटो (Suspensive Veto)
- जेबी वीटो (Pocket Veto)
न्यायिक शक्तियां:
संविधान में वर्णित अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति को न्यायिक शक्ति प्रदान किया गया है इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को क्षमा दान की शक्ति प्राप्त है किसके आधार पर वो न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा कम कर सकता है या माफ कर सकता है।
सैन्य शक्तियां:
भारत के राष्ट्रपति तीनों सेनाओं यथा थल सेना, जल सेना एवं वायु सेना के प्रमुख (Commander in chief) होता है तथा सेनाओं के अध्यक्षों की नियुक्ति करता है। राष्ट्रपति को युद्ध या युद्ध विराम की घोषणा करने और सुरक्षा बलों को तैनात करने का अधिकार है लेकिन राष्ट्रपति की इन शक्तियों को संसद द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
परामर्श शक्तियां :
राष्ट्रपति किसी भी सामाजिक महत्व के विषय पर उच्चतम न्यायालय से परामर्श ले सकता है, लेकिन इसे मानने के लिए बाध्य नहीं होता। दिए गए परामर्श को मानना न मानना राष्ट्रपति के इच्छा पर निर्भर होगा।
राजनयिक शक्तियां:
राष्ट्रपति संसद की विधि के अधीन विदेशों में राजनयिकों की नियुक्ति करता है तथा दुसरे देशों के राजनयिकों का परिचय पत्र ग्रहण करता है। संसद के विधि के अधीन राष्ट्रपति को विदेशों से मंत्रियों की सलाह के अनुसर करार एवं संधि करने का अधिकार रखता है।
आपातकालीन शक्तियां:
भारत के राष्ट्रपति को देश में संवैधनिक या वित्तीय स्थिति खराब होने तथा देश में युद्ध की स्थिति पैदा होने पर तीन प्रकार के आपातकालिन शक्तियां प्राप्त है जिसे राष्ट्रपति संसद के सलाह पर लागू कर सकता है। राष्ट्रपति को प्राप्त अपातकालीन शक्तियां हैं –
- युद्ध, वाह्य/विदेशी आक्रमण या आंतरिक शस्त्र विद्रोह की संभावना वयाप्त होने के दौरान राष्ट्रपति अनुच्छेद 352 के तहत भारत या भारत के किसी भी भाग में आपात की घोषणा कर सकता है।
- देश के किसी भी राज्य में संवैधनिक तंत्र फेल होने की स्थिति में राज्य के राज्यपाल के सलाह पर अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।
- देश में वित्तीय आपात की स्थिति उत्पन्न होने पर राष्ट्रपति अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।
भारतीय संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित प्रमुख अनुच्छेद
अनुच्छेद – 52 – भारत के राष्ट्रपति पद का वर्णन।
अनुच्छेद – 53 – कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी।
अनुच्छेद – 54 – राष्ट्रपति का चुनाव।
अनुच्छेद – 55 – भारत के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया।
अनुच्छेद – 56 – राष्ट्रपति के कार्यकाल या पदावधि।
अनुच्छेद – 57 – राष्ट्रपति के पुननिर्वाचन के लिए पात्रता।
अनुच्छेद – 58 – भारत के राष्ट्रपति की योग्यता या अहर्ताएं।
अनुच्छेद – 59 – राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें।
अनुच्छेद – 60 – राष्ट्रपति द्वारा सपथ ग्रहण।
अनुच्छेद – 61 – राष्ट्रपति पर महाभीयोग लगाने की प्रक्रिया।
अनुच्छेद – 62 – राष्ट्रपति पद के रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन का समय और आकस्मिक रिक्त पद को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि।
अनुच्छेद – 87 – राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण।
अनुच्छेद – 123 – राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति।
अनुच्छेद – 143 – राष्ट्रपति किसी मामले पर उच्चतम न्यायालय से विचार विमर्श ले सकता है।
राष्ट्रपति से संबन्धित FAQ
अब तक कितनी महिलाएं भारत की राष्ट्रपति हुई हैं?
अब तक दो महिलाओं को भारत के राष्ट्रपति होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिनमें श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल प्रथम महिला राष्ट्रपति हुई जबकि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत के वर्तमान एवं द्वितीय महीला राष्ट्रपति हैं।
किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को क्षमा दान करने की शक्ति प्राप्त है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति किसी भी न्यायालय द्वारा दिए गए दण्ड को कम कर सकता है, दण्ड की प्रकृति को बदल सकता या दण्ड को निलंबित कर सकता है।
किस विधेयक पर राष्ट्रपति वीटो का प्रयोग नहीं कर सकता?
संविधान संशोधन विधेयक तथा धन विधेयक के संबंध में राष्ट्रपति के पास किसी भी प्रकार की वीटो शक्तियां प्राप्त नहीं है।